अचार का बिजनेस कैसे शुरू करें – How to start pickle business
अचार या पिकल एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसका सेवन भारत के हर घर में होता है। अचार का उपयोग पूरे भारत में होने के कारण इस बिज़नेस के चलने की संभावना न चलने की संभावना से कही ज़्यादा है।

इस बिज़नेस को खड़ा करने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है अचार बनाने की विधि। अगर आपका अचार एक अच्छी और स्वादिष्ट विधि से बनेगा तभी वे ग्राहकों में अपनी चाप छोड़ सकता है।
अचार के बिजनेस के बारे में
अचार बिज़नेस या पिकल बिज़नेस से हमारा मतलब ये है कि कोई अकेला इंसान या कोई कंपनी अचार बना कर उसकी पैकिंग और मार्केटिंग करके उसको मार्केट में बेचकर मुनाफा कमा सकते है। ये बिज़नेस या तो एक प्रकार का अचार बनाकर या एक से ज़्यादा प्रकार के अचार बना कर किया जा सकता है।
यह एक ऐसा बिज़नेस है जिसमें कम लागत है और मुनाफा भी आसानी से कमाया जा सकता है. और इस बिज़नेस की ख़ास बात ये है कि आप ये बिज़नेस घर बैठे-बैठे भी शुरू कर सकते हैं.
इस बिज़नेस के लिए सबसे ज़रूरी होता है अचार बनाने की विधि या रेसिपी। एक अच्छी रेसिपी आपके बिज़नेस को नयी ऊंचाइयों पर लेकर जा सकती है. अच्छी रेसिपी ही ग्राहक को आपका अचार खरीदने केलिए लुभा सकती है. ग्राहक आपका अचार तभी खरीदेंगे जब उनको आपके अचार में एक अलग और अच्छा स्वाद आये जो मार्केट में कहीं और उपलब्ध नहीं है. अगर आप वो अचार बेचते हैं जिसकी मार्केट में डिमांड होती है तब भी आपका बिज़नेस अच्छे से चलेगा।
पिकल इंडस्ट्री बढ़ती हुई इंडस्ट्री है। अनुमान है कि 2024 तक इस इंडस्ट्री में बहुत अच्छी ग्रोथ हो जाएगी।
किस प्रकार के अचार बना सकते है?
आप चाहे तो एक या एक से ज़्यादा अचार बना कर बेच सकते हैं. इसके लिए आपको ये पता लगाना होगा कि आपके मार्केट में सबसे ज़्यादा किस अचार की डिमांड है.
सामान्यतः आम और नीम्बू का अचार ज़्यादा बिकते है. इसके अलावा आप गोभी, करेला, अमला, अदरक, मिर्ची, गाजर, कटहल, लहसुन ,चिकन फिश मिक्स्ड और कई प्रकार के अचार बना सकते हैं. मीठा अचार और मुर्रब्बे के भी कई प्रकार बन सकते हैं. मौसम के अनुसार भी अलग-अलग अचार मार्केट में पसंद किये जाते हैं. आप सीजनल अचार बना कर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं.
सही दाम है जरूरी
अपने अचार की सही प्राइसिंग करना भी बहुत ज़रूरी है. आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपकी सारी कॉस्ट भी कवर हो जाए और ग्राहक को इसका प्राइस ज़्यादा महेंगा न लगे.
क्योंकि आपका नया बिज़नेस है तो आपको बाकी कॉम्पिटिटर्स से कम दाम रखना चाहिए ताकि आपके कम दामों की वजह से ग्राहक को आपका अचार खरीदने का मन करे. जैसे एक किलो आम के अचार का दाम मार्केट में लगभग 90 से 110 रुपए है। तो आप अपने आम के अचार का दाम 90 रुपए से कम रखें ताकि लोग आपका अचार खरीदें.
कैसे शुरू करें अचार का बिज़नेस
अचार मेकिंग बिज़नेस शुरू करने से पहले आप अपना अचार अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और मोहल्ले वालो से tटेस्ट करवाए, उनके फीडबैक की मदद से आप अपनी रेसिपी अच्छी कर सकते है और अपना बिज़नेस बढ़ा सकते हैं. इस फीडबैक से ये भी पता चल सकता है कि कौनसा अचार सबसे ज़्यादा पसंद किया जा रहा है और कौनसे अचार की डिमांड सबसे ज़्यादा हो सकती है.
अगर आपके घर में अचार सुखाने और रखने की जगह हो तो ये बिज़नेस घर से शुरू किया जा सकता है. नए बिज़नेस के लिए ये ज़रूरी है कि वह शुरुवात में ज़्यादा नुक्सान न दें. इस बिज़नेस में कम लागत होती है जिसके कारण इसके नुक्सान भी कम हो सकते है.
अगर आप थोड़े बड़े लेवल पर ये बिज़नेस करना चाहते हैं तो दो-तीन लोगों को काम पर रख कर भी इस बिज़नेस की शुरुवात कर सकते हैं.
यह बिज़नेस शुरू करने से पहले ये ज़रूरी है कि आप अपने लोकल सब्ज़ी वाले से पहले ही डीलिंग करके रखें. क्योंकि आपको लगातार उन सब्ज़ियों को खरीदने की जरुरत रहेगी. अचार का बिज़नेस प्रॉफिटेबल तभी होगा अगर आपका अचार ग्राहक को पसंद आये और उनको अपनी डिमांड के अनुसार मिलता रहे.
कौन शुरू कर सकते है
महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छा अवसर है. अचार का बिज़नेस गृहणियों के लिए बहुत अच्छा है और उन लोगों के लिए भी अच्छा ऑप्शन है जो घर से काम करना चाहते हैं. अगर आपको अपना नया कारोबार कम लागत में शुरू करना है तो ये बिज़नेस आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके लिए किसी डिग्री की कोई ज़रुरत नहीं है. अगर आपको तरह तरह के अचार बनाना आते हैं तो आप ये बिज़नेस आसानी से कर सकते हैं.
आजकल मौसम के अनुसार भी अचार बहुत पसंद किये जाते हैं जैसे गोभी, मूली, गाजर, मटर इत्यादि. अनेक कम्पनी ये सीजनल अचार बनाकर बेच रही हैं लेकिन इनकी डिमांड की वजह से वे अपने ऑर्डर्स पूरे नहीं कर पा रही. इसलिए मौसम के अनुसार आप अचार तैयार कर सकते हैं.
अगर आप बढ़िया अचार बना लेते हैं तो आपको मार्केट में जाकर बेचने की भी जरुरत नहीं होगी. आप घर से ऑर्डर्स लेकर भी अपने बिज़नेस को बढ़ा सकते हैं.
अपनी रेसिपी बनाएँ
पिकल बिज़नेस में सबसे इम्पोर्टेन्ट स्टेप है अपनी खुद की रेसिपी बनाना. लोगों के पास आपका अचार बार-बार खरीदने का कोई कारण होना चाहिए. ये रेसिपी आपके ग्राहक के टेस्ट के अनुसार डेवलप होनी चाहिए.
पुराणी रेसिपी जैसे की दादी और नानी के नुस्को से भरी रेसिपी सबको पसंद आती है. लोगों को घर में बना हुआ अचार बहुत पसंद आता है क्योंकि उसमें उनको एक अपनापन सा लगता है. इसलिए होममेड अचार की डिमांड भी ज़्यादा है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप होममेड अचार रेसिपी को अपने बिज़नेस में इस्तेमाल करने की कोशिश करें.
लेकिन अगर आपको अचार बनाना नहीं आता या आपके पास कोई ख़ास रेसिपी नहीं है तो आप गवर्नमेंट इंस्टीटूट्स से भी ट्रेनिंग लेकर ये बिज़नेस शुरू कर सकते हैं. ऐसा ही एक इंस्टिट्यूट है माइक्रो स्माल मीडियम एंटरप्राइज डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट. इस इंस्टिट्यूट में पिकल मेकिंग का सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध है। ये कोर्स करने के लिए आपको 8वीं पास होना ज़रूरी है. ये कोर्स 6 सप्ताह का होता है. इस कोर्स और इंस्टिट्यूट का फॉर्म भरने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. – यहाँ क्लिक करें
मार्केट की जानकारी
रेसिपी तय करने के बाद अगला डिसिशन आता है लोकेशन तय करने का. अगर आप चाहे तो अचार का बिज़नेस घर से भी शुरू कर सकते है लेकिन इस बात का ख्याल रखना होगा कि घर में जगह की कमी न हो और अचार को सूखने के लिए कोई खुला एरिया जैसे कि रूफटॉप (छत) एरिया हो जहां धुप आ सके।
अगर आप घर से बिज़नेस नहीं करना चाहते तो आप कोई जगह किराये पर ले सकते है या खरीद सकते है. जगह का चयन अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रख कर करना चाहिए जैसे:
- आम सामान मिलने की सुविधा
- मार्केट एरिया
- बिजनेस का लेवल
- अगर आप एक नयी दुकान खोल रहे हैं तो अपनी दूकान को किसी ऐसे एरिया में खोलें जहाँ आपके कम्पेटेटर्स कम हो.
लोकेशन के बाद आती है बारी कंपनी के नाम को चुनने की। ये स्टेप ज़रूरी इसलिए है क्योंकि ये नाम आपके रेगिस्ट्रशन सर्टिफिकेट पर और पैकिंग पर हमेशा आता है. नाम सोचते वक़्त इन बातों का ध्यान रखे:
- नाम सरल और छोटा होना चाहिए ताकि लोगों को दुकानों में मांगने में आसानी हो.
- पिकल बिज़नेस से जुड़ता हुआ नाम होना चाहिए बिना किसी रिलेशन के नाम रखने से उसकी यूनिकनेस खो जाती है.
- किसी और बड़ी कंपनी से मिलता हुआ नहीं होना चाहिए, ये आपके लिए प्रॉब्लम खड़ी कर सकता है.
पिकल या अचार बिज़नेस के कुछ नाम: अचार एडिक्ट अम्मा का अचार इत्यादि।
अचार कहाँ बेचें
- अचार बेचने की शुरुवात अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचित लोगो से कर सकते हैं।
- रिटेल शॉप्स और किराने की दूकान पर जाकर अपना अचार होलसेल में बेच सकते हैं।
- आज कल हर चीज़ ऑनलाइन मिल जाती है आप अपना बिज़नेस ऑनलाइन भी कर सकते हैं। ऑनलाइन ऑर्डर्स लेकर आप एक डिलीवरी बॉय को हायर करके सारे ऑर्डर्स डिलीवर करवा सकते हैं. एक बार नाम प्रसिद्ध हो जाने पर आप घर बैठे आर्डर भी ले सकते हैं.
- अपने आस-पास के होटल, रेस्टोरेंट, कैंटीन और फ़ूड जॉइंट्स पर भी अचार बेच सकते हैं।
लागत और इंफ्रास्ट्रक्चर
ये एक ऐसा बिज़नेस है जो घर बैठे हुए एक इंसान अकेला भी कर सकता/सकती है जिसके लिए कम से कम Rs. 20,000-40,000 की लागत होगी. घर में बिज़नेस शुरू करने से पहले ये बात ध्यान में रखें कि आपके पास अचार सुखाने की और रखने की जगह होनी चाहिए.
अगर आप छोटे लेवल से स्टार्ट कर रहे है तो आपको ज़्यादा चीज़ो की जरुरत नहीं होगी. रॉ मटेरियल जैसे सब्ज़ियां, तेल, मसाले इत्यादि का स्टॉक हमेशा रखे. अगर आप एक अचार से ही शुरू कर रहे हैं तो आपको सिर्फ एक ही सब्ज़ी खरीदने की जरुरत है. लेकिन आपको बिज़नेस शुरू करने से पहले लोकल सब्ज़ी वाले से किसी होलसेल मंडी में जाकर डीलिंग करनी पड़ेगी ताकि आपकी सब्ज़ी के स्टॉक की कमी न हो और आपको सब्ज़ी सस्ते में मिले.
स्टॉक लेते समय इस बात का ख्याल रखें कि आप उतना ही स्टॉक ले जितने का अचार बना सकते है ताकि सब्ज़ियां या अचार दोनों में से कुछ भी ख़राब न हो. इसके अलावा आपको अचार बनाने के लिए बड़े बर्तन और कुछ पैकिंग मटेरियल की भी जरुरत होगी.
सामान | मात्रा | शुरुआती लागत |
सब्जियाँ | 50-100 kg | Rs. 3000-6000 |
तेल (सरसों का तेल) | 50-100 litres | Rs. 5000-10000 |
सिरका | 20-30 litres | Rs. 2000-4000 |
मसाले | 20-30 kg | Rs. 4000-7000 |
बर्तन | 5 बड़े बर्तन, 50 जार 1 कटिंग मशीन | Rs. 7000-11000 |
पैकिंग मशीन और पैकिंग का कुछ सामान | 1 मशीन | Rs. 4000-8000 |
कुल | – | Rs. 25000-45000 |
अगर आप लोन लेकर या बड़ी इन्वेस्टमेंट करके अपने पिकल बिज़नेस की शुरुवात करना चाहते है तो आपके पास ये सारे विकल्प उपलब्ध है:
सरकारी लोन
आप चाहे तो स्टार्टअप इंडिया के तहत सरकार से लोन ले सकते है. इस ऑर्गेनाइजेशन में ऐसी स्कीम है जो स्माल स्केल बिजनेस को आगे बढ़ने में मदद करती है जिसका नाम है मुद्रा स्कीम. मुद्रा लोन स्कीम एक कोलैटरल फ्री लोन स्कीम है जिसमें इंटरेस्ट भी कम चार्ज होता है. मुद्रा स्कीम का फंडिंग सपोर्ट इन चार प्रकार का होता है.
- माइक्रो क्रेडिट स्कीम (एमसीएस), 1 लाख तक के फाइनेंस के लिए
- कमर्शियल बैंक / रीजनल रूरल बैंक (आरआरबी) / शेड्यूल्ड को-ऑपरेटिव बैंक के लिए रिफाइनेंस स्कीम
- वीमेन एंटरप्राइज प्रोग्राम
- लोन पोर्टफोलियो का प्रतिभूतिकरण
मुद्रा स्कीम के बाकी में और जानकारी के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें मुद्रा लोन स्कीम
बैंक लोन
आप चाहे तो बैंक से लोन लेकर भी अपने काम की शुरुवात कर सकते हैं. बैंक लोन किसी भी छोटे या मध्यम बिज़नेस के लिए काफी इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करता है. अगर आपके पास अपना खुद का इन्वेस्टमेंट नहीं है तो आप बैंक से लोन सैंक्शन करवा सकते हैं. बैंक से लोन सैंक्शन करवाने के लिए आपको कुछ चीज़ों की रिक्वायरमेंट्स होंगी जैसे –
- आपकी आयु सीमा 21 से 65 साल की होनी चाहिए।
- आपको एक प्रॉफिट मार्जिन दिखानी होगी जो बैंक को ट्रस्ट प्रोवाइड करेगा. प्रॉफिट कम से कम 1,50,000 की होनी चाहिए।
- एक प्रॉपर बिज़नेस प्लान दिखाना होगा जो कि लोन प्रोवाइडर को आपके बिज़नेस के बारे में पूरी जानकारी दे सके।
बिज़नेस के लिए लोन की जानकारी के लिए क्लिक करेँ
मध्यम बिजनेस के लिए लागत
मध्यम स्केल बिज़नेस के लिए आपको नीचे दिए गए इक्विपमेंट की ज़रूरत होगी.
- चक्की
- पिकल मिक्सर
- वेइंग स्केल
- पैकिंग यूनिट
- लैबलिंग यूनिट
- बर्तन आदि।
इसके अलावा आपको एक बड़ी जगह (लगभग 2500 sq. ft.), रॉ मटेरियल, लेबर और गवर्नमेंट सब्सीडी इलेक्ट्रिसिटी
सामान | मात्रा | शुरुआती लागत |
सब्जियाँ | 500-1000 kg | Rs. 30000-50000 |
मसालें | 200-300 kg | Rs. 20000- 40000 |
मशीनरी | ऊपर दी गयी मशीनरी | Rs. 10,00,000-15,00,000 |
तेल और सिरसा | 500-1000 litres | Rs. 1,00,000-2,00,000 |
पैकिंग मटिरियल | 500-1000 jarsप्लास्टिक मटेरियल, लेबल | Rs 50000 – 1,00,000 |
लेबर और सैलरी | 10-15 वर्कर और डिलिवरी बॉय | 2,00,000-3,00,000 (प्रति माह) |
रेंट | 1 फैक्ट्री1 आउटलेट | 2,00,000-5,00,000 (क्षेत्र अनुसार) |
कुल | – | 16,00,000-26,00,000 |
कितना प्रॉफिट या मुनाफा कमा सकते हैं
अचार का बिज़नेस एक ऐसा बिज़नेस है जिसकी डिमांड कभी कम नहीं होती है. किसी भी फंक्शन में या रेस्टोरेंट के मेनू में अचार का होना पक्का ही है. इसलिए इस बिज़नेस में कमाई करना और इस बिज़नेस का ग्रो होना कोई मुश्किल काम नहीं है.
अगर आपके बिज़नेस में Rs. 30,000-50,000 की लगत और मार्केटिंग की गयी है तो इस बिज़नेस में लगभग 30-40% तक का प्रॉफिट या मुनाफा हो सकता है. इसका मतलब शुरुआती समय में ही कंपनी को Rs. 10,000-20,000 तक का मुनाफा हो सकता है.
अच्छा बिज़नेस जमने के बाद हर महीने Rs. 30,000-50,000 तक का मुनाफा होना संभव है. यानि सालाना आप Rs. 4,00,000-7,00,000 तक का प्रॉफिट कमा सकते हैं.
ये सब आपकी मार्केटिंग पर निर्भर करता है. ज़्यादा मार्केटिंग करने पर ज़्यादा ग्राहक मिलते हैं जिससे मुनाफा भी ज़्यादा होता है. इसके अलावा मुनाफा और कई चीज़ो पर निर्भर करता है जैसे प्रोडक्ट की डिमांड, पैकिंग, तरह-तरह के अचार मार्केट एरिया, अच्छी मार्केटिंग. इसलिए एक सक्सेसफुल बिज़नेस चलाने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए आपको इन सभी बातों को ध्यान में रखना होगा.
कानूनी प्रक्रियाएं
भारत में किसी भी बिज़नेस या कोई शॉप खोलने के लिए आपको कई सारी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से गुजरना होता है. अगर अचार मेकिंग के बिज़नेस की बात की जाये तो आपको पहले तो अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा जिसके लिए पहले आपको अपने कंपनी का ब्रांड नाम रजिस्टर करवाना ज़रूरी है. अचार बिज़नेस शुरू करने के लिए नीचे दिए गए लाइसेन्स की भी ज़रूरत होती है.
FSSAI लाइसेन्स
यह एक फ़ूड रिलेटेड बिज़नेस है और किसी भी फ़ूड रिलेटेड बिज़नेस के लिए फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस प्राप्त करना ज़रूरी है. ये लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लाइसेंस अथॉरिटी को एक एप्लीकेशन सेंड कर सकते हैं. ये लाइसेंस लेने के लिए आप ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपके बिज़नेस को एक FSSAI नंबर दिया जाता है. ये नंबर आपके हर प्रोडक्ट के पैकेजिंग पर मेंशन होना चाहिए.
FSSAI रजिस्ट्रेशन की जानकारी के लिए FSSAI की वेबसाइट पर जा सकते है.
लाइसेंस के लिए अप्लाई करने से पहले आपको ये तय करना ज़रूरी है कि आप किस टाइप का बिज़नेस चलाना चाहते है. आपको अपने बिज़नेस के स्ट्रक्चर के अनुसार ये डिसिशन लेना होगा। यानि ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आप अपना बिज़नेस किस स्केल पर खोलना चाहते है. आपके पास तीन विकल्प है:
- एक प्रोप्रिएटोरशिप – ये एक ऐसे टाइप का बिज़नेस होता है जो एक इंसान द्वारा चलाया जाता है. सोल प्रोप्रिएटोरशिप में बिज़नेस के मालिक और उसके बिज़नेस में कोई लीगल डिफरेंस नहीं मन जाता.
- एक पार्टनरशिप – ये एक ऐसा बिज़नेस है जो दो या दो से ज़्यादा लोग मिलकर चलाते है. जितने भी मालिक हैं वे सारे बिज़नेस के मुनाफे, नुक्सान और ज़िम्मेदारियों के बराबर के हिस्सेदार होते हैं.
एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी/कार्पोरेशन: ये एक ऐसा बिज़नेस है जो अपने मालिक से लीगली अलग होता है. यह एक सेपरेट लीगल आइडेंटिटी है जिसके लिए मालिक सिर्फ एक लिमिट तक ही लाएबल या ज़िम्मेदार होते है.
टैक्स अनुपालन
हर बिज़नेस को अपना जीएसटी रेगिस्ट्रशन कम्पलीट करना जरुरी है और उसके साथ एक GSTIN / SGST नंबर लेना भी ज़रूरी है. एक बिज़नेस का GST नंबर लेने के लिए नीचे दिए गए डाक्यूमेंट्स की भी जरुरत होती है.

रजिस्ट्रेशन के लिए आपको GST की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा. GST की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें
इसके अलावा GST फॉर्म कैसे भरें जानने के लिए यहाँ क्लिक करें.
शॉप्स एंड एस्टाब्लिशमेंट्स एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन
अचार का बिज़नेस या फिर कोई भी फ़ूड बिज़नेस खोलने से पहले उसको शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के अंडर रजिस्टर करवाना ज़रूरी है. चाहे आप घर से काम करते हैं या फिर किसी फैक्ट्री या शॉप से ये लाइसेंस लेना सबके लिए जरुरी है. ये रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एक फॉर्म रिक्वायर्ड डाक्यूमेंट्स और फीस पे करके प्राप्त किया जा सकता है.
शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लाइसेंस के लिए रिक्वायर्ड डाक्यूमेंट्स
- पैन कार्ड
- आइडेंटी प्रूफ
- पता
- कर्मचारियों की जानकारी
शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के बारे में और जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
हेल्थ ट्रेड लाइसेन्स
ये वह लाइसेंस है जो एक बिज़नेस को उन पर्टिकुलर आइटम का व्यापार करने की अनुमति देता है जिसका असर सीधा कस्टमर्स और पब्लिक की हेल्थ पर पड़े. जिस बिज़नेस के पास ये म्युनिसिपल कार्पोरेशन का लाइसेंस होता है वह बिज़नेस हाइजीन और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को मीट करता है. ये हेल्थ ट्रेड लाइसेंस वो स्टेट म्युनिसिपल कार्पोरेशन या हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाता है जिस स्टेट में ये बिज़नेस किया जा रहा है.
हेल्थ ट्रेड लाइसेंस के लिए दस्तावेज़
- सैंक्शन और कम्पलीशन (इन्क्लुडेस ओनरशिप प्रूफ रेंट एग्रीमेंट और लैंडलॉर्ड और पड़ोसी की एनओसी)
- साइट प्लान और लेआउट की तीन कॉपी
- Rs.100 का इंटेम्निटी बॉन्ड
- स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा साइन किया हुआ स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट
- पावर और वाटर के पेड बिल्स
- सीवर कनेक्शन का प्रूफ
- वाटर टेस्टिंग रिपोर्ट्स
- अपनी जगह का सही प्लान
- प्रॉपर्टी टैक्स का प्रूफ
- वर्कर्स का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
अचार की पैकिंग कैसे करें
अचार की पैकिंग आपके बिज़नेस के लिए एक बहुत इम्पोर्टेन्ट स्टेप है. अगर अचार ठीक से नहीं स्टोर किया गया तो उसके ख़राब होने के चान्स है. इससे मार्केट में ले जाने के लिए और बेचने के लिए अच्छी पैकिंग बहुत ज़रूरी है. अचार को हाइजेनिक पैकेजिंग में रखना होता है ताकि वह लम्बे समय तक चले और ग्राहक को शिकायत का कोई मौका न मिले.
आप चाहे तो नीचे दिए गए तरीको में अपना अचार पैक कर सकते है.
- गिलास या मिट्टी के कन्टेंटेर्स में अचार स्टोर करें। एल्युमीनियम या किसी और मटेरियल में स्टोर करने से उसके ख़राब होने के चान्स ज़्यादा हो जाते है।
- आप एक किलो, दो किलो, पांच किलो और दस किलो के गिलास कंटेनर्स में अचार पैक कर सकते है।
- काम क्वांटिटी जैसे 250 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के लिए आप ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक पाउच का भी यूज कर सकते है.
- बड़े कंटेनर्स को सुरक्षित रखने के लिए आप एक आउटर बॉक्स पैकिंग (कार्डबोर्ड का बॉक्स) भी दे सकते है.
अचार की पैकिंग ज़रूरी होती है क्योंकि एक फ़ूड आइटम होने के कारण इसका हाइजीन लेवल मेन्टेन करना बहुत जरुरी है। इसके अलावा आपकी पैकेजिंग जितनी सुन्दर होगी उतना अच्छा होगा क्योंकि ग्राहक उसी को देख कर आपके अचार की तरफ आकर्षित होते है. तो आपको अपने अचार की पैकिंग क्रियेटीवली और बहुत सुन्दर तरीके से करनी चाहिए. आप नीचे दिए गए पैकिंग टिप्स का इस्तेमाल करके अपनी पैकिंग को और इफेक्टिव बना सकते है.
अचार बिज़नेस की मार्केटिंग कैसे करें
कोई भी बिज़नेस चाहे वो छोटा हो या बड़ा उसे आगे बढ़ने के लिए उस बिज़नेस की अच्छी मार्केटिंग करना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है. इसके लिए ध्यान रखें कि आपके बिज़नेस के अनुसार ऐसे कौनसे मार्केटिंग के तरीके हैं जिससे आप ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक अपने बिज़नेस को पहुंचा सकते हैं.
अब बात ये है कि आप अपने बाकी कॉम्पिटिटर्स के मुक़ाबले ऐसा क्या कर रहे हैं जो आपके अचार के बिजनेस को बाकियों से अलग बनाएगा और आपके कस्टमर्स की लिस्ट बढ़ाएगा. आप नीचे दिए गए तरीके यूज करके अपने पिकल बिज़नेस की अच्छी मार्केटिंग कर सकते है।
ऑफलाइन मार्केटिंग
- छोटे छोटे पाउच में अपने अचार का सैंपल के तौर पर फ्री दें: अचार के बिज़नेस को सफल बनाने में सबसे बड़ा हाथ होता है अचार की रेसिपी का. तो अगर आप ग्राहकों को फ्री सैम्पल्स देकर उनसे अपना अचार टेस्ट करवाएंगे तो वे पसंद आने पर आपसे अचार ज़रूर खरीदेंगे.
- अखबार और पम्फ्लेट्स का यूज करें: अखबार और फाम्पलेट्स के द्वारा अपने लोकल एरिया में आप अपने नए बिज़नेस की अच्छी मार्केटिंग कर सकते है.
- पैकेजिंग अच्छे से करें: ये एक अच्छा तरीका है अपने बिज़नेस की सेल्स बढ़ाने का. अगर आपकी पैकेजिंग लोगों को लुभाएगी तभी वे आपका प्रोडक्ट खरीदेंगे. आपको अपनी पैकिंगिंग पर सारी जरुरी बातें लिखनी होंगी ताकि आपके कस्टमर्स आपका अचार सेफली और बिना किसी संदेह के इस्तेमाल कर सके.
- ऑफर्स और डिस्काउंट दें: इसके अलावा आप रिटेल शॉपकीपर्स और कस्टमर्स के लिए अन्य तरीके के ऑफर्स जैसे डिस्काउंट फेस्टिवल ऑफर्स और बाय गेट वन ऑफर देकर अपनी कंपनी की मार्केटिंग कर सकते है।
- रेसिपी बुकलेट फ्री में दें: बड़े रिटेल ऑर्डर्स जैसे 5 किलो और 10 किलो पिकल जार के साथ आप एक जनरल रेसिपी बुकलेट भी दे सकते है. अपनी स्पेशल रेसिपी को न बताते हुए आप एक कॉमन और आसान रेसिपी बुकलेट दे सकते है जो कोई भी अपने घर पर यूज कर सकते हैं.
ऑनलाइन मार्केटिंग
- सोशल मीडिया पर मार्केटिंग करें जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सप्प इत्यादि: आजकल सारा ज़माना इंटरनेट पर बसा हुआ है. हर छोटी से बड़ी खबर हमें इंटरनेट से मिल जाती है. अपने बिज़नेस के बारे में आप फेसबुक पर और इंस्टाग्राम पर एडवरटाइज़ कर सकते है ताकि लोगों को इसके बारे में घर बैठे पता चले. ये काम आप एक फेसबुक पेज और एक इंस्टाग्राम अकाउंट खोल कर और उसपर अपने अचार बिज़नेस के बारे में रोजाना अपडेट करके कर सकते हैं. अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचित लोगों को अपने बिज़नेस की मार्केटिंग व्हाट्सप्प से कर सकते है।
- येलो पेज: येलो पेज एक डायरेक्टरी है जिसमें आपके शहर के हर एरिया के छोटे से लेकर बड़े बिजनेस के नंबर्स और एड्रेस होते हैं. येलो पेज में रजिस्टर करने और ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.
- जस्ट डायल: पर अपने बिज़नेस को रजिस्टर करें और उसके बारे में लिखें ताकि लोगों को आपको कांटेक्ट करने में कोई दिक्कत न आयें. इससे आप अपनी रेटिंग्स बढ़ा कर भी अपने बिज़नेस का गुडविल बढ़ा सकते है.
- गूगल माय बिजनेस – गूगल माय बिज़नेस गूगल की तरफ से एक फ्री टूल है जिससे आप अपने बिज़नेस को गूगल की लिस्टिंग में डाल सकते हैं। इसका फायदा ये है कि जब भी कोई गूगल पर सर्च करेगा कि आस-पास मेडिकल स्टोर कहाँ है या फिर सीधा आपके नाम से आपकी दुकान ढूंढ़ना चाहेगा तो उसे बहुत आसानी से आपकी शॉप का सारा डिटेल गूगल पर मिल जायेगा। गूगल माय बिजनेस की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
अचार बिजनेस के अवसर
अचार बिज़नेस एक ऐसा बिज़नेस है जो कि कम लगत में चलने वाला एक बेहतरीन बिज़नेस है और काफी ज़्यादा डिमांड के कारण एक सक्सेसफुल बिज़नेस आईडिया भी है. इसीलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि ये बिज़नेस आज के दौर में आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा एक बार आपने एक सक्सेसफुल अचार बिज़नेस खोल लिया तो आपको फ्यूचर में आने वाले प्रॉफिट के बारे में ज़्यादा सोचना नहीं पड़ेगा. और एक बार आपका बिज़नेस चल जाएगा तो आप उसी को ब्रांच में भी कन्वर्ट कर सकते हैं जिसमें आप अलग-अलग एरिया में उसी बिज़नेस के नाम पर और भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स या आउटलेट्स खोल सकते हैं.
आप एक स्माल स्केल बिज़नेस से मध्यम या लार्ज स्केल बिज़नेस में कन्वर्ट हो सकते है. और घर से अपना कारोबार बढ़ा कर एक प्रॉपर फैक्ट्री खोल सकते है जिसकी इन्वेस्टमेंट लगभग 15 लाख से 25 लाख तक के बीच में आएगी। ये कॉस्ट एरिया पर भी निर्भर करेगी.
अचार बिजनेस के कुछ टिप्स
क्योंकि ये बिज़नेस एक फ़ूड रिलेटेड बिज़नेस है तो इन चीजों का ख़ास ख्याल रखना होगा.
- क्वालिटी और क्वांटिटी से नो कोम्प्रोमाईज़ – आपके अचार का स्वाद हमेशा बरक़रार रहना चाहिए। वक़्त के साथ क्वालिटी और टेस्ट में फर्क नहीं आना चाहिए। क्वांटिटी का भी ख़ास ख्याल रखना होगा. हमेशा कस्टमर को सही दाम पर सही क्वांटिटी ही मिलनी चाहिए।
- हाइजीन (साफ़ सफाई) ही सही मंत्र हैं – सारा सामान सफाई से बना हो तभी ग्राहकों को आपके अचार पर ट्रस्ट होगा और वे उससे तभी खाएंगे। याद रहे आपको कस्टमर हमेशा के लिए बनाने है न की सिर्फ एक सिंगल सेल के लिए इसलिए हाइजीन का जितना ध्यान रखेंगे उतना अच्छा होगा. यानि किचन एरिया और पैकिंग एरिया हमेशा साफ़ सुथरा रहना चाहिए.
- पैकिंग और प्रजेंटेशन जरूरी है – अगर आपकी पैकेजिंग सुन्दर होगी तभी लोग उसको देख कर आकर्षित होंगे और उससे खरीदने का सोचेंगे. इसलिए प्रेजेंटेशन को हमेशा अच्छे से अच्छा रखें.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
यह लाइसेन्स इस बात का ध्यान रखता कि ग्राहक कि सेफ़्टी पर बुरा असर न पड़े।
ग्राहक का खाने की सेफ्टी और क्वालिटी के प्रति कॉन्फिडेंस बनाने में मदद करता है.
अलग-अलग रेगुलेशंस से छुटकारा पाने में मदद करता है.
नए फ़ूड प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने में भी मदद करता है.
अगर आप छोटे स्तर पर पिकल बिज़नेस कर रहे है तो आपको पिकल मशीन की जरुरत नहीं है सिर्फ पाउच सीलिंग मशीन की जरूरत पड़ सकती है जो 1 से 5 हजार तक की मिल जाएगी।
पैकिंग हमेशा साफ़ सुथरी रखनी चाहिए, अधिक जानकारी के लिए अचार बिज़नेस की बेस्ट टिप्स में जाकर पैकिंग और प्रेजेंटेशन की दी हुई टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लाइसेन्स की जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कीजिये, यहाँ पूरी जानकारी उपलब्ध है।
अचार की ट्रेनिंग आप गवर्नमेंट इंस्टीटूट्स से स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स से या ऑनलाइन भी सीख सकते है. इसके बारे अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
अचार को प्रेज़रव करने के लिए विनेगर यानि सिरके का इस्तेमाल होता है।
अगर आप छोटे स्तर पर अचार का बिज़नेस कर रहे है तो आपको पिकल मशीन की जरुरत नहीं है सिर्फ पाउच सीलिंग मशीन की जरुरत पड़ सकती है जो 1000 से 5000 तक की मिल जाएगी। ये आप ऑनलाइन अमेज़न से मंगवा सकते है या अपने शहर की होलसेल एलेक्रॉनिक्स मार्किट में से ले सकते है। लेकिन अगर आप मध्य या बड़े स्तर पर बिज़नेस करना चाहते है तो आपको आटोमेटिक पैकिंग मशीन की जरुरत पड़ेगी जिसकी शुरुवात 1 लाख से हो जाती है.
हमें उम्मीद है कि इस बिज़नेस प्लान से आपको समझ आ गया होगा कि कैसे आप एक खुद अचार का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। अगर आपके मन में इसके अलावा और भी कोई सवाल है तो कमेंट करके हमसे जरूर पूछें।